महिलाएं खुद को जागरूक बनाएं, विधिक सेवा का लाभ उठाएं–डॉ वहीद आलम

महिलाएं खुद को जागरूक बनाएं, विधिक सेवा का लाभ उठाएं–डॉ वहीद आलम

विधिक सहायता दिवस पर शिवर का आयोजन

लखनऊ–शिया पी० जी० लॉ कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विधिक सहायता दिवस पर भारत में महिलाओं के कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से चौक स्थित कल्बे आबिद वार्ड में दरगाह के पास एक दिवसीय विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में लॉ के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

शिविर की शुरुआत डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने की, उन्होंने बताया कि यदि किसी गरीब या असहाय व्यक्ति को कानून की आवश्यकता हो, तो अक्सर उसे न्याय पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कोर्ट और पुलिस के बीच की दूरी न्याय की राह को कठिन बना देती है। ऐसे लोग न तो केस की पैरवी कर पाते हैं और न ही उन्हें सही कानूनी सलाह मिल पाती है। इसी अज्ञानता को दूर करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह दी जाती है। उन्हें जागरूक किया जाता है और केस में पैरवी के लिए सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। समाज के कमजोर वर्गों के लिए नि:शुल्क, कुशल और कानूनी सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल 9 नवंबर को राज्य प्राधिकरणों में विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है।

शिविर के मुख्य अतिथि, स्थानीय पार्षद लइक आगा ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। विधि के छात्र-छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त किए, और विधिक सहायता केंद्र के पैनल अधिवक्ताओं ने एफआईआर, क्रॉस एफआईआर, जीरो एफआईआर, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की रिट याचिकाओं के अधिकारों के साथ-साथ महिलाओं से संबंधित अन्य कानूनी पहलुओं पर चर्चा की। विधिक सहायता केंद्र के निर्देशक, डॉ. वहिद आलम ने बताया कि 1995 में इस पहल की शुरुआत की गई थी। संविधान ने सभी को समान अवसर प्रदान किया है, और न्याय से कोई वंचित न रहे, इसके लिए समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समाज के अंतिम व्यक्ति की सहायता के लिए समर्पित है और यहाँ कोई भी जरूरतमंद कानूनी सेवाओं का लाभ ले सकता है। लखनऊ में भी सैकड़ों लोग इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं।

शिविर के दौरान महिलाएं के संवैधानिक, विधिक, और पारिवारिक अधिकारों पर भी चर्चा की गई। शिविर के समापन के बाद एक जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें स्थानीय लोगों से उनकी समस्याओं पर चर्चा की गई और विधिक सलाह दी गई।

कार्यक्रम का संचालन ताहिर हुसैन और जकी हुसैन ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लइक आगा, शाहबाब हुसैन, फैज़ बाकर, अधिवक्ता सोहराब, लारैब हसन आबिदी, अक्षत श्रीवास्तव, मजहर हुसैन, जीतू कश्यप, मो. नईम, शबीना सिद्दीकी, और समस्त लॉ छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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